संकष्टी चतुर्थी, जिसे संकटहारा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, यह त्योहार भगवान श्रीगणेशजी को समर्पित है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष के चैथे दिन मनाया जाता है, जिसे चतुर्थी तिथि भी कहा जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी तिथियां होती हैं - संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी। पहली पूर्णिमा (कृष्ण पक्ष) के बाद आती है जबकि दूसरी अमावस्या (शुक्ल पक्ष) के बाद मनाई जाती है।
महीना | दिनांक | दिन | व्रत का नाम | तिथि का समय |
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जनवरी |
29 जनवरी, 2024 |
सोमवार |
संकष्टी चतुर्थी |
पंचांग चेक करें |
जनवरी |
30 जनवरी, 2024 |
मंगलवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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फरवरी |
28 फरवरी, 2024 |
बुधवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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मार्च |
29 मार्च, 2024 |
शुक्रवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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अप्रैल |
28 अप्रैल, 2024 |
रविवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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मई |
27 मई, 2024 |
सोमवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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जून |
25 जून, 2024 |
मंगलवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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जुलाई |
24 जुलाई, 2024 |
बुधवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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अगस्त |
23 अगस्त, 2024 |
शुक्रवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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सितम्बर |
21 सितम्बर, 2024 |
शनिवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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अक्तूबर |
20 अक्तूबर, 2024 |
रविवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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नवम्बर |
19 नवम्बर, 2024 |
मंगलवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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दिसम्बर |
19 दिसम्बर, 2024 |
गुरुवार |
संकष्टी चतुर्थी |
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Utsav Joshi
Rajkumar Birla
ShrutiA
इस दिन, भक्त भगवान गणेशजी से जीवन में अपनी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने के लिए प्रार्थना करते हैं, इसी कारण इस त्योहार को ‘संकट हर चतुर्थी’ भी कहा जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली अंगारकी चतुर्थी को सबसे शुभ माना जाता है।
जीवन में सफलता पाने के लिए इस तिथि पर चंद्रमा के दर्शन करने चाहिए और इसके बाद ही अपने व्रत का समापन करना चाहिए।
यह व्रत आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने की शक्ति रखता है। संकष्टी चतुर्थी व्रत का चक्र 13 व्रतों के साथ पूरा होता है। और प्रत्येक व्रत के लिए एक विशेष व्रत कथा है।
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