व्रत एवं उपवास संकष्टी चतुर्थी

संकष्टी चतुर्थी

New Delhi, NCT, India

संकष्टी चतुर्थी तिथि

संकष्टी चतुर्थी, जिसे संकटहारा चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है, यह त्योहार भगवान श्रीगणेशजी को समर्पित है। जैसा कि नाम से पता चलता है, यह प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष के चैथे दिन मनाया जाता है, जिसे चतुर्थी तिथि भी कहा जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक चंद्र मास में दो चतुर्थी तिथियां होती हैं - संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी। पहली पूर्णिमा (कृष्ण पक्ष) के बाद आती है जबकि दूसरी अमावस्या (शुक्ल पक्ष) के बाद मनाई जाती है।

वर्ष 2024 में संकष्टी चतुर्थी की तिथियां

महीना दिनांक दिन व्रत का नाम तिथि का समय

जनवरी

29 जनवरी, 2024

सोमवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

जनवरी

30 जनवरी, 2024

मंगलवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

फरवरी

28 फरवरी, 2024

बुधवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

मार्च

29 मार्च, 2024

शुक्रवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

अप्रैल

28 अप्रैल, 2024

रविवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

मई

27 मई, 2024

सोमवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

जून

25 जून, 2024

मंगलवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

जुलाई

24 जुलाई, 2024

बुधवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

अगस्त

23 अगस्त, 2024

शुक्रवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

सितम्बर

21 सितम्बर, 2024

शनिवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

अक्तूबर

20 अक्तूबर, 2024

रविवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

नवम्बर

19 नवम्बर, 2024

मंगलवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

दिसम्बर

19 दिसम्बर, 2024

गुरुवार

संकष्टी चतुर्थी

पंचांग चेक करें

सर्वश्रेष्ठ वैदिक ज्योतिषीयों के साथ परामर्श करें

क्या आज का दिन आपके लिए शुभ है? अपनी जन्म कुंडली के अनुसार शुभ मुहूर्त जानने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैदिक ज्योतिषीयों के साथ चैट करें या उन्हें फोन करें!

Utsav Joshi

Rajkumar Birla

ShrutiA

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

इस दिन, भक्त भगवान गणेशजी से जीवन में अपनी बाधाओं और कठिनाइयों को दूर करने के लिए प्रार्थना करते हैं, इसी कारण इस त्योहार को ‘संकट हर चतुर्थी’ भी कहा जाता है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली अंगारकी चतुर्थी को सबसे शुभ माना जाता है।

जीवन में सफलता पाने के लिए इस तिथि पर चंद्रमा के दर्शन करने चाहिए और इसके बाद ही अपने व्रत का समापन करना चाहिए।

यह व्रत आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने की शक्ति रखता है। संकष्टी चतुर्थी व्रत का चक्र 13 व्रतों के साथ पूरा होता है। और प्रत्येक व्रत के लिए एक विशेष व्रत कथा है।

संकटहारा चतुर्थी पूजा विधि

  • भक्तों को सुबह जल्दी उठकर भगवान श्रीगणेशजी की पूजा और उनसे प्रार्थना करनी चाहिए।
  • पूजा करते समय उपवास रखना चाहिए और उपवास के दौरान फल व कच्ची सब्जियाँ आदि का सेवन कर सकते हैं।
  • इसके अलावा मूंगफली, आलू, साबूदाना आदि भी खा सकते हैं।
  • भगवान श्रीगणेश की मूर्ति को दूब और फूलों से सजाया जाता है।
  • अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए पूजा के बाद ‘व्रत कथा’ का पाठ किया जाता है।
  • चन्द्रमा को देखकर ही पूजा करना अच्छा होता है। इसके बाद आप व्रत का समापन कर सकते हैं।

आप एनीटाइम एस्ट्रो पर संकष्टी चतुर्थी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।